यूएस पारस्परिक टैरिफ: अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी के बाद पिछले कुछ दिनों में ग्लोबल मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच स्काई न्यूज समेत कई विदेशी मीडिया संस्थानों ने व्हाइट हाउस के हवाले से अमेरिकी टैरिफ पर 90 दिनों की संभावित रोक लगने की बात कही. इस खबर के सामने आते ही व्हाइट हाउस की ओर से इस तरह की रोक को नकार दिया गया. व्हाइट हाउस की ओर से इसे फेक न्यूज करार दिया गया.
व्हाइट हाउस ने बताया फेक न्यूज
विदेशी मीडिया की तरफ से ये कहा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति चीन को छोड़कर बाकी देशों पर लगाने वाले टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं. इस पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनबीसी से कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ में 90 दिनों की रोक लगाने पर विचार करने की कोई भी बात फर्जी खबर है.
‘चीन ने अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा बुरा किया’
अमेरिकी निवेश बैंक Goldman Sachs के रिसर्च हेड ने दावा किया था कि भले ही ट्रंप अपने टैरिफ से पीछे हट जाएं, लेकिन अब मंदी की संभावना अधिक हो गई है. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वैश्विक व्यापार को फिर से संतुलित करने और घेरलू सामानों को फिर से बनाने के लिए टैरिफ जरूरी है. उन्होंने चीन को सबसे बड़ा दोषी बताया, जिसने अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा दुर्व्यवहार किया.
दुनिया भर का शेयर बाजार गिरा
अमेरिकी की ओर से लगाए गए टैरिफ के जवाब में चीन ने भी यूएस उत्पादों पर 34 फीसदी टैक्स लगाया है. ये शुल्क 10 अप्रैल से अमेरिकी सामानों पर लगाए जाएंगे. ट्रंप ने चीन की इस कार्रवाई को हास्यास्पद बताया है. ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बाद पिछले कुछ दिनों में दुनिया भर के शेयर बाजारों से करीब 6 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो गई है.