2 घंटे पहले
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आज रामनवमी है। पूजा के लिए करीब ढाई घंटे का एक ही मुहूर्त रहेगा। जो सुबह 11 बजे से शुरू होगा। रामजी का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए मध्याह्न मुहूर्त में ही रामजी की पूजा होती है।
रामनवमी पर रामलला मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी बता रहे हैं घर पर आसान विधि से रामजी की पूजा कैसे करें…



VALMIKI RAMAYANA: राम का जन्म पुत्रकामेशती यज्ञ के साथ हुआ था वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, दशरथ जब बहुत बूढ़े हुए तो संतान न होने के कारण चिंतित रहने लगे। ऋषियों ने उन्हें पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। महर्षि वशिष्ठ के कहने पर दशरथ ने ऋषि श्रृंग को इस यज्ञ के लिए बुलाया।
कथा के मुताबिक यज्ञ पूरा होने के बाद अग्नि देव प्रकट हुए। उन्होंने खीर से भरा सोने का घड़ा दशरथ को दिया और रानियों को खीर खिलाने को कहा। दशरथ ने ऐसा ही किया। एक साल बाद चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन कौशल्या ने श्रीराम को जन्म दिया। कैकेई ने भरत और सुमित्रा से जुड़वां बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न हुए।

कितने जाप करें: ग्रंथों में सवा लाख मंत्रों का जाप करने का विधान है। हर दिन 108 मंत्रों का जाप करना चाहिए। सवा लाख जाप पूरे होने पर 12,500 मंत्रों की आहुति से हवन करें। कब शुरू करें: शुभ मुहूर्त में मंत्र जाप शुरू करना चाहिए। ऐसा न हो सके तो भी गुरुवार से शुरू करें। मंत्र जाप करने के लिए तुलसी की माला का इस्तेमाल करना शुभ होता है। दीपक और प्रसाद: मंत्र जाप करते वक्त घी का दीपक जलना चाहिए। मंत्र जाप के बाद भगवान को खीर का नेवैद्य लगाएं।

अब जानते हैं श्रीराम के महत्वपूर्ण मंत्र और उनके अर्थ…
1। वह जो आपदाओं को दूर करता है, सभी धन का दाता। मैं भगवान राम को झुकता हूं जो बार -बार दुनिया के लिए रमणीय है।
मतलब सबसे सुंदर मेरे आराध्य श्रीराम को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं। श्रीराम सभी आपदाओं को दूरते हैं और हमें सुख-संपत्ति प्रदान करते हैं।
2। हे राम, रामभद्र, रामचंद्र, वेद। हे रघुस के भगवान ओ सीता के भगवान मैं आपको अपने आज्ञाकारिता प्रदान करता हूं
मतलब राम, रामभद्र, रामचंद्र, रघुनाथ, सीता जी के स्वामी को मैं प्रणाम करता हूं।
3। ॐ दशरथाये इल्केत वावल्लभ धीमहि, हे राम, क्या आप हमें प्रेरित कर सकते हैं। मतलब राजा दशरथ के पुत्र, सीता जी के स्वामी श्रीराम का हम ध्यान करते हैं। भगवान हमें अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें।
4। ओम राम रमाया नामाह :। मतलब इस मंत्र का अर्थ है श्रीराम को हम नमस्कार करते हैं।
5। राम रामती रामती, रम राम मनोरम। एक हजार नाम राम के नाम के बराबर हैं, हे सुंदर। अर्थ: शिव जी देवी पार्वती से कहते हैं – राम नाम इतना मनोरम है कि हम इस राम नाम में ही रमे रहते हैं। हे पार्वती, हजारों नामों के समान यह केवल एक राम नाम है।
अयोध्या के अलावा श्रीराम के 5 प्राचीन मंदिर
भगवान राम अपने जीवन काल में जिन जगहों से गुजरे वहां मंदिर या कोई स्मारक है। ऐसे ही 5 मंदिर जो रामायण और महाभारत काल से जुड़े हैं। जो राम के सबसे पुराने मंदिरों में गिने जाते हैं।




