‘वित्त मंत्री बगल में बैठे हैं, चिंता न करो नहीं आएंगे इनकम टैक्स वाले’, मुद्रा योजना के लाभार्थी से बोले पीएम मोदी

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मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए पीएम मोदी
छवि स्रोत: एनी
मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। पीएम आवास पर मुद्रा योजना के लाभार्थियों को बुलाया गया। इस दौरान उनसे बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना का मकसद देश के नौजवानों को उनके पैरों पर खड़ा करना है।

नहीं आएंगे इनकम टैक्स वाले

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाभार्थी से पूछा कि आपकी आय कितनी है? पीएम मोदी के इस सवाल से लाभार्थी झिझक गया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, उन्हें बोल दूंगा इनकम टैक्स वाले नहीं आएंगे। पीएम मोदी का इस तरह तंज कसने पर सभी लाभार्थी हंस पड़े।

ये योजना मोदी की तारीफ के लिए नहीं, लाभार्थियों से बोले पीएम

लाभार्थियों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना मोदी की तारीफी के लिए नहीं है। यह योजना मेरे देश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने का साहस देने के लिए है। पीएम मोदी से बात करते हुए मध्य प्रदेश के भोपाल के लाभार्थी लवकुश मेहरा ने कहा, ‘पहले मैं किसी के यहां काम करता था, नौकर था, लेकिन आपने मुद्रा लोन के ज़रिए हमारी गारंटी ली और आज हम मालिक बन गए हैं।’

50 लाख से ज्यादा का हुआ टर्नओवर

इसके साथ ही लवकुश ने कहा, ‘मैंने 2021 में अपना व्यवसाय शुरू किया और मैंने बैंक से संपर्क किया, उन्होंने मुझे 5 लाख रुपये की लोन लिमिट दी। मुझे डर था कि मैं पहली बार इतना बड़ा लोन ले रहा हूं। मैं इसे चुका पाऊंगा या नहीं। आज मेरा मुद्रा लोन 5 लाख रुपये से बढ़कर 9.5 लाख रुपये हो गया है। मेरा पहले साल का टर्नओवर 12 लाख रुपये था, जो अब 50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है।’

क्या है मुद्रा योजना?

मालूम हो कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, पीएम मोदी की प्रमुख योजना है। इसका उद्देश्य वित्तपोषित सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों को वित्तपोषित करना है। पिछले 10 सालों में 50 करोड़ ऋण खातों को मंजूरी दी है।

इस योजना में 68 प्रतिशत महिला लाभार्थी

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एमनागराजू ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने उन लोगों के लिए यह व्यवसाय योजना शुरू की है जो बिना किसी गारंटी के ऋण चाहते हैं। हमने पिछले 10 सालों में 50 करोड़ ऋण खातों को मंजूरी दी है और कुल 33 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया है। इनमें से 68 प्रतिशत महिला लाभार्थी हैं, और 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदायों से हैं। लाभार्थी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।’

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Mint kapil

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