दोपहर की नींद अच्छी या बुरी : दोपहर में लंच के बाद आंखें भारी होने लगती हैं और नींद अपने आगोश में लेने लगती है. सिर पर नींद की अजीब सी खुमारी छा जाती है. कुछ लोगों की तो आदत ही होती है दिन में सोने की. उनका कहना है कि इससे एनर्जी रिचार्ज होती है. जबकि कुछ लोग दोपहर में सोना सेहत के लिए ठीक नहीं मानते हैं. उनका मानना है कि यह नींद नहीं सिर्फ आलस है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, दोपहर में सोना चाहिए या नहीं.
दोपहर की नींद कब फायदेमंद
अगर आप रात को पूरी नींद नहीं ले पाते हैं या मानसिक थकान महसूस करते हैं, तो 15 से 30 मिनट की दोपहर की नींद आपको तरोताजा कर सकती है. इसे पावर नैप (Power Nap) कहा जाता है, जो दिमाग की प्रोडक्टिविटी, मूड और मेमोरी को बेहतर बनाती है. NIH (National Institutes of Health) के मुताबिक, दोपहर में 20 मिनट की नींद हार्ट हेल्थ और स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मददगार हो सकती है. हाल ही में एक नई स्टडी में भी दोपहर में 20 मिनट तक की नींद को अच्छा बताया गया है.
ये भी पढ़ें- मुंह में उंगली डालने पर बच्चे को रोक देते हैं आप, जानें इससे उनको कितना होता है फायदा?
दिन में सोना कब नुकसानदायक
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप दोपहर में 1 घंटे से ज्यादा सोते हैं या हर दिन गहरी नींद लेते हैं, तो इसका असर आपकी नाइट स्लीप पर पड़ सकता है। इससे रात को नींद आने में परेशानी हो सकती है और शरीर का नींद चक्र (sleep cycle) बिगड़ सकता है.
दोपहर में सोने को लेकर सावधानियां
1. दोपहर की नींद शाम के 4 बजे के बाद नहीं लेनी चाहिए. लंबी नींद से सुस्ती और सिरदर्द हो सकता है. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को सावधानी रखनी चाहिए.
2. दोपहर में बच्चों के लिए सोना फायदेमंद, बुजुर्ग के लिए जरूरी है. वर्किंग प्रोफेशनल्स पावर नैप ले सकते हैं.
3. रात में पूरी नींद लेने वालों केलिए दोपहर की नींद जरूरी नहीं है.
4. नींद पूरी नहीं हो रही है या अनिद्रा से पीड़ित हैं तो दोपहर की नींद से और दिक्कत हो सकती है.
स्वास्थ्य उपकरण के नीचे देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें