अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट के बावजूद अमेरिका में कोई मुद्रास्फीति नहीं है। उन्होंने पिछले अमेरिकी नेताओं को आर्थिक नीतियों के लिए दोषी ठहराया, जिसके बारे में उनका दावा है कि इसने चीन जैसे विदेशी देशों को संयुक्त राज्य अमेरिका का फायदा उठाने की अनुमति दी। दुनिया भर में बाजार में मंदी के जवाब में एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि तेल की कीमतें कम हो गई हैं, ब्याज दरें कम हो गई हैं (धीमी गति से चलने वाले फेड को दरों में कटौती करनी चाहिए!), खाद्य कीमतें कम हो गई हैं, कोई मुद्रास्फीति नहीं है और लंबे समय से दुर्व्यवहार का शिकार अमेरिका पहले से लागू टैरिफ पर दुर्व्यवहार करने वाले देशों से हर हफ्ते अरबों डॉलर कमा रहा है।
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ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन, जिसने हाल ही में टैरिफ में 34 प्रतिशत की वृद्धि की है। उसने जवाबी कार्रवाई न करने की उनकी चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले से लागू टैरिफ से हर हफ़्ते अरबों डॉलर का राजस्व मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा दुर्व्यवहार करने वाला देश चीन, जिसके बाजार गिर रहे हैं। लेकिन उसने अपने टैरिफ को 34% तक बढ़ा दिया है। उन्होंने दशकों से अच्छे पुराने अमेरिका का फायदा उठाकर बहुत कुछ किया है! हमारे देश में ऐसा होने देने के लिए हमारे पिछले ‘नेताओं’ को दोषी ठहराया जाना चाहिए।
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गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क बढ़ाने और चीन की जवाबी कार्रवाई से व्यापार युद्ध की आशंका के बीच दुनिया भर में आर्थिक वृद्धि प्रभावित होने के डर से निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 71,425.01 अंक पर और एनएसई निफ्टी 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत फिसलकर 21,743.65 अंक पर रहा था। दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स 3,205.31 अंक या 4.25 प्रतिशत लुढ़कर 72,159.38 पर और निफ्टी 1,038.95 अंक या 4.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,865.50 पर कारोबार करने लगा।