2025 बेस्ट मुहुरत राम नवमी बनाम अष्टमी नया काम शुरू करने और खरीदने के लिए

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6 अप्रैल 2025 को राम नवमी पर इस साल रवि पुष्य पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है. राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र का होना लाभदायक माना गया है. इस दौरान नए कार्य की शुरुआत, खरीदारी करने वालों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

6 अप्रैल 2025 को राम नवमी पर इस साल रवि पुष्य पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है. राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र का होना लाभदायक माना गया है. इस दौरान नए कार्य की शुरुआत, खरीदारी करने वालों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

रवि पुष्य योग 6 अप्रैल 2025 को सुबह 06:05 से 7 अप्रैल को 6.04 बजे तक रहेगा यानी राम नवमी का पूरा दिन खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ है.

रवि पुष्य योग 6 अप्रैल 2025 को सुबह 06:05 से 7 अप्रैल को 6.04 बजे तक रहेगा यानी राम नवमी का पूरा दिन खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ है.

रवि पुष्य नक्षत्र जीवन में स्थिरता और अमरता लेकर आता है. इसलिए इस दिन रियल एस्टेट में निवेश, नए बिजनेस के शुरुआत करने पर लंबे समय तक शुभ परिणाम मिलते है. माना जाता है कि इस योग के दौरान ग्रहों की ऊर्जा संपत्ति से संबंधित बिजनेस के लिए अनुकूल होता है.

रवि पुष्य नक्षत्र जीवन में स्थिरता और अमरता लेकर आता है. इसलिए इस दिन रियल एस्टेट में निवेश, नए बिजनेस के शुरुआत करने पर लंबे समय तक शुभ परिणाम मिलते है. माना जाता है कि इस योग के दौरान ग्रहों की ऊर्जा संपत्ति से संबंधित बिजनेस के लिए अनुकूल होता है.

सोना खरीदना, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीदारी, गाय माता को गुड़ खिलाना, मंदिर में दीपक जलाना आदि घर में बरकत लाता है. धन आगमन के रास्ते खुलते हैं.

सोना खरीदना, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीदारी, गाय माता को गुड़ खिलाना, मंदिर में दीपक जलाना आदि घर में बरकत लाता है. धन आगमन के रास्ते खुलते हैं.

राम नवमी पर रवि पुष्य योग बन रहा है. ऐसे में धातु से जुड़ी वस्तु खरीदना शुभ होगा, खासकर सोना या पीतल, क्योंकि ये बृहस्पति को मजबूत करते हैं और मां लक्ष्मी घर में स्थाई रूप से निवास करती हैं.

राम नवमी पर रवि पुष्य योग बन रहा है. ऐसे में धातु से जुड़ी वस्तु खरीदना शुभ होगा, खासकर सोना या पीतल, क्योंकि ये बृहस्पति को मजबूत करते हैं और मां लक्ष्मी घर में स्थाई रूप से निवास करती हैं.

रवि पुष्य योग में किए गए दान, स्नान, पूजा-पाठ और जप-तप का विशेष महत्व होता है, इस दिन नवीन बही खाते या लेखन सामग्री को शुभ मुहूर्त में खरीदकर उन्हें अपने व्यापारिक स्थल पर स्थापित करना चाहिए.

रवि पुष्य योग में किए गए दान, स्नान, पूजा-पाठ और जप-तप का विशेष महत्व होता है, इस दिन नवीन बही खाते या लेखन सामग्री को शुभ मुहूर्त में खरीदकर उन्हें अपने व्यापारिक स्थल पर स्थापित करना चाहिए.

पर प्रकाशित: 05 अप्रैल 2025 03:06 PM (IST)

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Mint kapil

I am an independent thinker and student. I like writing blogs a lot. I have been writing for the last 4 years.

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