आरजीआई जन्म मृत्यु रिपोर्टिंग नियम : देश में अब हर बच्चे के जन्म और किसी की मौत की जानकारी समय पर देना जरूरी हो गया है. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर 21 दिन के अंदर जन्म या मौत की जानकारी नहीं दी, तो जुर्माना लग सकता है.
दरअसल, देखा गया कि कई अस्पताल या तो जानकारी देने में देर कर रहे हैं या फिर खुद नहीं दे रहे. वो परिवार वालों के रजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कानून कहता है ये जिम्मेदारी अस्पताल की है, ना कि आम लोगों की.
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RGI ने क्या कहा
1. भारत में अभी 90% जन्म और मृत्यु दर्ज हो रहे हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि ये आंकड़ा 100% हो.
2. RGI ने साफ कहा है कि अस्पतालों को 21 दिन के भीतर घटना की सूचना देनी होगी.
3. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो जुर्माना लगेगा और कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
रजिस्ट्रेशन में देरी क्यों हो रही है
RGI ने कहा, जन्म-मृत्यु की तुरंत सूचना देने की बजाय कई अस्पताल रिश्तेदारों के अपील करने का इंतजार कर रहे हैं, इतना ही नहीं वे रिश्तेदारों को खुद ही इसकी जानकारी देने का निर्देश दे रहे, जो नियम का उल्लंघन है. केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के तहत सरकारी अस्पतालों को रजिस्ट्रार के रूप में काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. 17 मार्च, 2025 के एक सर्कुलर में RGI ने कहा कि देश में 90% जन्म या मृत्यु के मामलों का ही रजिस्ट्रेशन हो रहा है. लेकिन 100% का टारगेट अभी भी हासिल करना है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही ठीक नहीं है.
अब डिजिटल सर्टिफिकेट ही होगा मान्य
1 अक्टूबर 2023 से सरकार ने डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट को ही आधिकारिक मान लिया है. ये अब स्कूल एडमिशन, जॉब, शादी रजिस्ट्रेशन जैसे सभी कामों में जरूरी हो गया है. RGI ने सभी रजिस्ट्रारों को आदेश दिया है कि 7 दिन के अंदर सर्टिफिकेट जारी करें. इसमें देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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